मिलते रहिए, कि मिलते रहने से मिलते रहने का सिलसिला हूँ मैं। मिलते रहिए, कि मिलते रहने से मिलते रहने का सिलसिला हूँ मैं।
शब्द पंखुड़ियों ने रो -रो धो लियें बीती रात कमल दल फूले हृदय पपीहा शूलों पर झूले। शब्द पंखुड़ियों ने रो -रो धो लियें बीती रात कमल दल फूले हृदय पपीहा शूलों पर...
पता नहीं क्यों अब मगर, होने लगा है अचानक तन्हाई का सा एहसास ! पता नहीं क्यों अब मगर, होने लगा है अचानक तन्हाई का सा एहसास !
मुस्कान अगर लब पे हो खिलती कभी कभी। मुस्कान अगर लब पे हो खिलती कभी कभी।
ख़ूब प्रतिष्ठित हो दुनिया में, दुआ हमने मॉंगी है। ख़ूब प्रतिष्ठित हो दुनिया में, दुआ हमने मॉंगी है।
पर कोई मुझ से बात नहीं करता तुम भी नहीं। पर कोई मुझ से बात नहीं करता तुम भी नहीं।